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बाबा जी / राजेंद्र 'मिलन'

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गलियों में घूमा करते हैं,
दाढ़ी वाले बाबा जी।
इकतारे पर गाते रहते,
जाने क्या-क्या बाबा जी।
माँ जब उनको आटा देती,
शंख बजाते बाबा जी।