Last modified on 6 अक्टूबर 2015, at 05:36

हाथी दादा / जगदीशचंद्र शर्मा

Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:36, 6 अक्टूबर 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जगदीशचंद्र शर्मा |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

हाथी दादा चले घूमने होकर जब तैयार,
बाहर उनके लिए जीप सी खड़ी हुई थी कार।
उसके भीतर ज्यों ही दादा होने लगे सवार,
टायर फटा बोझ से भाई कार हुई बेकार।