बरसो राम, धड़ाके से,
बुढ़िया मरे न फाके से!
सनन-सनन सन हवा चले,
सबके मुख पर धूल मले,
घर के दरवाजे खिड़की,
खड़कें खूब खड़ाके से!
बरसो राम, धड़ाके से,
बुढ़िया मरे न फाके से!
उमड़-उमड़कर गगन घिरो,
और मूसलाधार गिरो,
चमकाओ बिजली चम-चम,
गरजो खूब कड़ाके से!
बरसो राम, धड़ाके से,
बुढ़िया मरे न फाके से!