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आठ : स्त्री / धूमिल
अनिल जनविजय
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मुझे पता है
स्त्री--
देह के अंधेरे में
बिस्तर की
अराजकता है ।
स्त्री पूंजी है
बीड़ी से लेकर
बिस्तर तक
विज्ञापन में फैली हुई ।