Last modified on 22 जनवरी 2016, at 18:36

अबखायी / मोहन सोनी ‘चक्र’

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:36, 22 जनवरी 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मोहन सोनी ‘चक्र’ |संग्रह= मंडाण / न...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

अरथ वास्तै
सबद हेरां मोकळा
अर अबै म्हारै साम्हीं
अबखायी आ है
कै सबद री तो है बोळगत
पण अरथ रो टोटो।