Last modified on 12 फ़रवरी 2016, at 13:51

फ़त्वा / निदा नवाज़

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:51, 12 फ़रवरी 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निदा नवाज़ |अनुवादक= |संग्रह=बर्फ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

एक और फुत्वा जारी किया है
हमारे शहर के बड़े मोलवी ने
लोग घरों के फूल-दानों में
फूल नहीं बल्कि पत्थर रख लें
और जिस गली से भी
सत्य चलता दिखाई दे
संगसार किया जाए.