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व्यंग्य / विष्णु नागर

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मैंने उन पर व्यंग्य लिखा
वही उनका सबसे अच्छा विज्ञापन निकला
वही मेरी सबसे कमाऊ रचना निकली
वही हिन्दी साहित्य मं समादृत भी हुई।