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मायाको ढिस्को / अभि सुवेदी
Sirjanbindu
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धेरै बगेपछि
आँशु जस्तो पानी
सुकेर गए पनि
आकाशमा कटक्क माया लाग्ने
ढिस्को बनाएर जाँदो रहेछ ।