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वह / एकराम अली

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बहुत, बहुत दूर रहता है वह
तारे का उजास बिखरा रहता है
तारे के आसपास
और इसलिए
वह नहीं दिखाई देता

केवल देह का अंगार
दूर शून्य से
छिटक-छिटक कर आता रहता है!

मूल बँगला से अनुवाद : उत्पल बैनर्जी