जन्म सफल
सद्गुरू केॅ पाय केॅ
राज-विद्या सें ।
राज-विद्या तेॅ
अतिगोपनीय छै
अति पावन ।
राज-विद्या तेॅ
प्रत्यक्ष अनुभूति
साधक पावै ।
धारणीय छै
सुखद, करणीय
अव्यय भी छै ।
हम्में अपनैलौं
तोंय भी अपनावोॅ
राज-विद्या केॅ ।
जन्म सफल
सद्गुरू केॅ पाय केॅ
राज-विद्या सें ।
राज-विद्या तेॅ
अतिगोपनीय छै
अति पावन ।
राज-विद्या तेॅ
प्रत्यक्ष अनुभूति
साधक पावै ।
धारणीय छै
सुखद, करणीय
अव्यय भी छै ।
हम्में अपनैलौं
तोंय भी अपनावोॅ
राज-विद्या केॅ ।