जब तक तुम सुख के पीछे भागते हो,
परिपक्व नहीं हो तुम सुखी होने के लिए
इतने भी नहीं कि वह तुम्हें रास्ते में मिले I
जब तक तुम खोए हुए का विलाप करते हो
तुम्हारा लक्ष्य है और तुम बेचैन हो
तुम तब नहीं जानते कि अमन-चैन क्या है I
किन्तु यदि तुमने हर इच्छा त्याग दी है
और तुम किसी लक्ष्य को पाने की इच्छा नहीं रखते
सुख का तुम अब कोई नाम नहीं लेते,
तो तुम्हारे पास आएगी सुअवसरों की बाढ़
न केवल दिल में,
अपितु तुम्हारी रूह भी चैन से रहेगी ।।
मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : प्रतिभा उपाध्याय