एक शहर, एक आदमी
दो शहर, एक अनुस्थिति
शान्ति की मौन हो प्रतीक्षा करता एक ओवरकोट
एक अजीब यात्रा
बिना किसी वजह के धीमी बढ़ती
वापस लाने के लिए ख़ास मौसम
बेरहमी से हत्या की जा रही वक़्त की
रात में छत पर मत जाओ
एक आवाज़ भी तुम्हे मौत की ओर ले जाएगी
क्योंकि वह झक्क सफ़ेद गर्दन
अपनी खोपड़ी को चारो तरफ़ घुमा रही है
तुम ! रच रहे हो एक कविता
धँसी हुई नाव या स्याह पेड़ को
फिर से जीवन देने की तरह
या फिर भरी बरसात में बाँध बनाने की तरह
अथाह होता जाता है धीरज
वहीं एक अबूझ पहेली की तरह
डयोचन<ref>Diaochan चीन के चार सौन्दर्य में से एक है</ref> के रहस्यमयी कानों से होता
बेवज़ह ही रिस जाता है सारा मनोबल
वक्त सिकुड़ रहा है
ली हो<ref>ली हो (791-817) चीन के रहस्यवादी कवि हैं</ref> के आँसू टेंग प्रदेश से
शायद फिर कभी ना लौटें
अँग्रेज़ी से अनुवाद : नीता पोरवाल