Last modified on 26 जुलाई 2016, at 19:52

ढुङ्गाको फूल / सुलोचना मानन्धर

Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:52, 26 जुलाई 2016 का अवतरण (' {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुलोचना मानन्धर |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


प्रेमले रोपेको बिरुवामा
कतै ढुङ्गा फुलिदियो भने
आखिर बिचरो त्यो मालीको
दोष नै के