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अर्चना / नवीन निकुंज

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श्रद्धा रोॅ दू फूल समर्पित
आँखी में लेलेॅ अभिलाषा
झुकलोॅ छै माथोॅ ई हमरोॅ
पद-रज पावै के छै आस ।
जे कुछुवो लिखलेॅ छी हम्में
सब तोहरे ही छाया ई
जे कुछ देखलौं, जानलौं, सुनलौं
तोहरे सबटा माया ई
राखियोॅ हरदम हमरा पास ।
देवी तोरे गोदी में
माथोॅ राखी ई जानलेॅ छी
सन्तोॅ के भारत ई भूमि
स्वर्ग जकां ही मानलेॅ छी
फेनू कोॅन हाथोॅ सेॅ हम्में
भाव करौं अर्पण तोरा
ई भाव-जगत, जीवन तोहरे
तोहरे देलोॅ समर्पण तोरा
तोहरे गुण गावेॅ ई साँस ।