Last modified on 12 अगस्त 2016, at 08:32

मातृभूमि / नवीन निकुंज

Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:32, 12 अगस्त 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नवीन निकुंज |अनुवादक= |संग्रह=जरि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

ई्र देश दधीचि रोॅ
नानक-तुलसी रोॅ
मुक्ति रोॅ कुंभ लगै।

जब तांय छै देह-लहू
भारत-गुण गैवै
सुली पर लटकी केॅ।
भारत ई, भारत उ$
वेदे नै हाँसै
देवो के भीड़ लगै।