Last modified on 2 अप्रैल 2008, at 20:56

विनय पत्रिका / तुलसीदास

Drpawansharma (चर्चा) द्वारा परिवर्तित 20:56, 2 अप्रैल 2008 का अवतरण (राग बिलावल)

राग बिलावल

श्री गणेश-स्तुति

गाइये गनपति जगबन्दन. सन्कर-सुवन भवानी-नंदन..१..

सिद्धि-सदन, गज बदन, बिनायक. क्रिपा-सिंधु, सुंदर, सब-लायक..२..

मोदक-प्रिय, मुद-मंगल-दाता. बिद्या-बारिधि, बुद्धि-बिधाता..३..

माँगत तुलसिदास कर जोरे. बसहिं रामसिय मानस मोरे..४..