ओ मेरे गीतो
इतनी उत्कण्ठा और जिज्ञासा से क्यों देखते हो तुम लोगों के चेहरों में
क्या उनमें तुम्हें अपने गुज़रे खोये मिल जाएँगे ?
ओ मेरे गीतो
इतनी उत्कण्ठा और जिज्ञासा से क्यों देखते हो तुम लोगों के चेहरों में
क्या उनमें तुम्हें अपने गुज़रे खोये मिल जाएँगे ?