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एक लड़की / एज़रा पाउण्ड

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एक वृक्ष मेरे हाथों में समाविष्ट हो गया है
मेरी बाँहों में अन्दर-अन्दर वृक्ष रस चढ़ रहा है
वृक्ष मेरे वक्ष में उग गया है
अधोमुखी,
डालें मुझमें से उग रही हैं-बाँहों की तरह
वृक्ष वह तुम हो
तुम हो हरी काई
तुम हो वायलेट के फूल जिन पर हवा लहराती है
एक शिशु-और इतने ऊँचे-तुम हो

और देखो तो दुनिया के लिए यह मात्र नादानी है !