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सिपाही / सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर'

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गजब-गजब केॅ खेल खेलाबै चोर-सिपाही।
अजमाबै कि के कत्तेॅ बरजोर सिपाही।

बात-बात मेॅ धमकी, गारी बेढंगा-सन
आफिसर सॅे जादे छै मुहजोर सिपाही।

चार डेग दौड़े ते हपसै कुकुर नांकी
मुरगुनियाँ खेलै लागै कमजोर सिपाही।

कोय बैठी के औंघै कोय बीड़ी फंूकै
मतर कहीं जागै छै भोरम-भोर सिपाही।

कोय फदरै पागल नाॅकी उल्टा-सीधा
कोय मीट्ठाॅे सन बात सेॅ दै झकझोर सिपाही।