माँ
रोज़ सुबह, मुंह-अँधेरे दूध बिलौने से पहले माँ चक्की पीसती, और मैं घूमेड़े में आराम से सोता .
- तारीफ़ों में बँधीं माँ जिसे मैंने कभी सोते नहीं देखा .
आज जवान होने पर एक प्रश्न घुमड़ आया है -
पिसती चक्की थी या माँ
माँ .
माँ
रोज़ सुबह, मुंह-अँधेरे दूध बिलौने से पहले माँ चक्की पीसती, और मैं घूमेड़े में आराम से सोता .
- तारीफ़ों में बँधीं माँ जिसे मैंने कभी सोते नहीं देखा .
आज जवान होने पर एक प्रश्न घुमड़ आया है -
पिसती चक्की थी या माँ
माँ .