- अंगिका लोकगीत
- अवधी लोकगीत
- कन्नौजी लोकगीत
- कश्मीरी लोकगीत
- कोरकू लोकगीत
- कुमाँऊनी लोकगीत
- खड़ी बोली लोकगीत
- गढ़वाली लोकगीत
- गुजराती लोकगीत
- गोंड लोकगीत
- छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- निमाड़ी लोकगीत
- पंजाबी लोकगीत
- पँवारी लोकगीत
- बघेली लोकगीत
- बाँगरू लोकगीत
- बांग्ला लोकगीत
- बुन्देली लोकगीत
- बैगा लोकगीत
- ब्रजभाषा लोकगीत
- भदावरी लोकगीत
- भील लोकगीत
- भोजपुरी लोकगीत
- मगही लोकगीत
- मराठी लोकगीत
- माड़िया लोकगीत
- मालवी लोकगीत
- मैथिली लोकगीत
- राजस्थानी लोकगीत
- संथाली लोकगीत
- संस्कृत लोकगीत
- हरियाणवी लोकगीत
- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
(1)
दाबे बर ले दे दाई खांडे तलवारे
घामे बर छतरी तनाय
कोन गांव ला टोरंव दाई
कोन गांव ला फोरंव
कोन गांव ले लानों बिहाय
रायपुर ला टोरंव
रायगढ़ ला फोरंव
नवागढ़ ले लानों बिहाय
चढ़त बेरा धरम के
उतरत बेरा लगिन के
धरम धरम जस ले ले
फेर धरम नइ मिले
(2)
नहडोरी के एक गीत ‘दे तो दाई अस्सी ओ रुपइया’ ये गीत ल अलग-अलग जगा म अलग-अलग गावत सुने ला मिल जाथे। ये गीत ह दाई अउ बेटा के बातचीत के रूप म हे जेमां बेटा ह दाई कर बिहाव बर रुपया मांगथे।
जैसे कि कुछ जगा म गाये जाथे …
दे तो दाई दे तो दाई अस्सी ओ रुपइया
सुन्दरी ला लातेंव मंय बिहाये ओ दाई
सुन्दरी-सुन्दरी बाबू तुम झन रटिहौ
गा सुन्दरी के देश बड़ा दूरै रे भइया
तोर बर लाहवं दाई रंधनी परोसनी
ओ मोर बर घर के सिंगार ओ दाई
गोड़े बर रुपमुचा पनही
छांव बर छतरी तनाय, हां-हां जी चले जाबो सुन्दरी बिहाव
लाये बर देबे इक तलवारी चढ़ेबर
लीली हंस घोरी, हां हां जी चले जाबो सुन्दरी बिहाय
अउ कुछ जगा म गाये जाथे …
दे तो दाई दे तो दाई अस्सी ओ रुपैया
सुन्दरी ला लातेंव बिहाय
सुन्दरी सुन्दरी रटन धरे बाबू
सुन्दरी के देस बड़ दूर
तोर बर लनिहों दाई रंधनि परोसनि
मोर बर घर के सिंगार
पांव बर ले दे दाई रुचमुच पनही
चढ़े बर दे दे लिलि हंसा घोड़ा
भूख बर जोर दे दाई भुखहा कलेवना
प्यास बर गंगा जल
(3)
दे-तो दे-तो दाई अस्सी वो रुपैया के
सुंदरी ला लातेंव वो बिहाय
कि अ-वो दाई सुंदरी ला लातेंव वो बिहाय
सुंदरी सुंदरी बाबू तुम झन रटिहव के
सुंदरी के देस बड़ा दूर
कि अ-ग बाबू सुंदरी के देस बड़ा दूर
मोर बर लाबे बेटा रंधनी परोसनी के
तोर बर घर के सिंगार
कि अ-ग बेटा तोर बर घर के सिंगार
तैं तो हाबस दाई बड़ा वो अबुधनिन के
मांगत हस दूध के तैं मोल
कि अ-वो दाई मांगत हस दूध के तैं मोल
तोर बर लानिहंव दाई पानी भरईया के
मोर बर घर के सिंगार
कि अ-वो दाई मोर बर घर के सिंगार
पांव बर लेते दाई बजनी वो पनही के
चढ़े बर लीली हंसा घोड़ा
कि अ-वो दाई चढ़े बर लिलि हंसा घोड़ा