मूलतः छत्तीसगढ़ी के साहित्यकार और कवि, पत्रकार जनसत्ता और नवभारत टाइम्स के प्रतिनिधि रह चुके हैं। 1940-41 से लेखन आरम्भ, प्रारम्भ में हिन्दी में किन्तु ‘विप्र’ जी की प्रेरणा से छत्तीसगढ़ी लेखन आरम्भ। छत्तीसगढ़ी पर पूर्ण अधिकार, पेशे से शिक्षक भी थे। भोलवा भोलाराम नामक कहानी संग्रह भी प्रकाशित है।