चांपा के पास विक्रमशिला विश्वविद्यालय से डी.लिट. की उपाधि। छत्तीसगढ़ राज्य सेवा में तहसीलदार के पद पर कार्यरत। रचनाओं में छत्तीसगढ़ी कविता संग्रह ‘बेलपान’ (1983), अरपा नदिया लम्हा, 1975 में संपादित ‘पुन्नी के पांखी’ आदि हैं। इन्हें छत्तीसगढ़ अस्मिता पुरस्कार, कबीर सेवा सम्मान, मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, रबीन्द्रनाथ टैगोर सम्मान आदि मिले हैं। इसके अलावा भारतेंदु साहित्य समिति, चक्रधर ललित कला केन्द्र, चंदौनी गोंदा सांस्कृतिक मंच आदि से भी सम्मानित हैं।