Last modified on 1 नवम्बर 2016, at 23:31

गोंदा फुलगे मोरे राजा / हरि ठाकुर

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:31, 1 नवम्बर 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरि ठाकुर |संग्रह= }} {{KKCatGeet}} {{KKCatChhattisgarhiRac...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

हो गोंदा फुलगे मोरे राजा
गोंदा फुलगे मोर बैरी
छाती मं लागय बान

ठाढ़े हे बैरी टरत नई ये
मोर आंखी के पिसना मरत नईये
गोंदा फुलगे मोरे राजा
गोंदा फुल गे मोर बैरी
छाती मं लागय बान

पूनम के चंदा लजा के मर जाए
तोर रूप आज रतिहा गजब गदराए
गोंदा फुल गे मोरे राजा
गोंदा फुल गे मोर बैरी
छाती मं लागय बान

सुआ नही बोले ना बोले मैना
मैं तरसत हव सुनेबर तोरेच बैना
गोंदा फुल गे मोरे राजा
गोंदा फुल गे मोर बैरी
छाती मं लागय बान