शारदे, सरस्वती माँ, वीणापाणि भारती माँ,
कर जोड़े 'राहुल' को, कविता का ज्ञान दो l
अधम विनाश करे, सत्य का प्रकाश भरे,
सूर्य के सामान मात, भाव का प्रयाण दो l
सादगी-सुअम्ब गहे, सरस-मधुर बहे,
पिंगल-पीयूष भरा, मधुरस गान दो l
नवल गवेषणा का, कालजयी चेतना का,
मेरी लेखनी को मात, आज वरदान दो l