गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 7 मई 2008, at 02:19
अदेह / शैलेन्द्र चौहान
Pratishtha
(
चर्चा
|
योगदान
)
द्वारा परिवर्तित 02:19, 7 मई 2008 का अवतरण
(New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शैलेन्द्र चौहान }} आँखों में धुँआ जैसे अन्धा कुआँ ::स...)
(अंतर) ← पुराना अवतरण |
वर्तमान अवतरण
(
अंतर
) |
नया अवतरण →
(
अंतर
)
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
शैलेन्द्र चौहान
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
आँखों में
धुँआ
जैसे अन्धा कुआँ
सूरदास की आँखें
बगुला की पाँखें
तुमने मुझे छुआ
अंधेरे में
अदेह !
मैं उड़ा
झपटा मछली की
आँख पर
सूखे पोखर का
रहस्य
न मछली
न मछली की आँख
बस
सूखे कठोर
मिट्टी के ढेले