Last modified on 7 मई 2008, at 22:08

दरवाजा खटखटाते सपने / रति सक्सेना

Pratishtha (चर्चा) द्वारा परिवर्तित 22:08, 7 मई 2008 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रति सक्सेना }} इधर कुछ दिनों से सपने ने<br> दरवाजा नहीं खट...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

इधर कुछ दिनों से सपने ने
दरवाजा नहीं खटखटाया
मेरे फोन की घंटी नहीं बजी
सपने को शायद
नंबर नहीं मालूम था
सोचा कि ई-मेल भेज
हालचाल पूछ लूँ सपने की
न जाने कहाँ खो गया आई डी
सपने के साथ-साथ
खटखटाता कैसे दरवाजा?
मेरे पास दरवाजा जो न था
न जाने कब और कैसे मेरे घर का दरवाजा ही खो गया