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रुपौली रानी / एस्पी कोइराला

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रुपौली रानी नसालु नानी, लजालु छ बानी
आँखाकी नानी बैंसकी खानी, झरना झैं जवानी

फूलकै ज्योति फूलकै मोती महझैं महक
चम्पा, चमेली, जाही र जुही चाँदनी चहक
गुणले राम्री सीपले राम्री रुपले झन राम्री
घुम्टोमा लुकी लाजले झुकी हाँस्ता त झन् राम्री

जादुको जन्त मोहनी दन्त, खोल्दा झन् सुन्दरी
मिलेका ओठ दिख्तिन खोट, बोल्दा त झन् परी
ज्यानले राम्री ज्ञानले राम्री, नशालु जवानी
यही ज्यान एउटा तिम्रै हुँ देउता, बन्देऊ न भवानी