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बस में पिता / उदय प्रकाश

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मैंने बिल्कुल साफ़-साफ़ देखा

उस बस पर बैठे

कहीं जा रहे थे पिता


उनके सफ़ेद गाल, तम्बाकू भरा उनका मुँह

किसी को न पहचानती उनकी आँखें


उस बस को रोको

जो अदृश्य हो जाएगी अभी


उस बस तक

क्या

पहुँच सकती है

मेरी आवाज़ ?


उस बस पर बैठ कर

इस तरह क्यों चले गए पिता ?