Last modified on 24 मई 2008, at 15:28

शीर्षकहीन-2 / गिरधर राठी

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:28, 24 मई 2008 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= गिरिधर राठी |संग्रह= निमित्त / गिरिधर राठी }} कहीं दूर क...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कहीं दूर कहीं दूर कहीं बहुत-बहुत दूर

मुझ से दूर


खिसकता चला जा रहा है

मेरा घर

जो मेरा गाँव भी था

प्रदेश भी

देश भी