Last modified on 17 मार्च 2017, at 14:23

गळगचिया (31) / कन्हैया लाल सेठिया

आशीष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:23, 17 मार्च 2017 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

तेली रो नारो पूछ्यो-घाणी आपाँ कता‘क कोस चालग्या ? घाणी बोली-थ्यावस राख तिल नीवड़याँ मजल आसी।