धीरे-धीरे भारी हो रहा है
तुम्हारा शरीर
मेरी बाँह पर माथा तुम्हारा
नींद का शरीर
डूबता चला जाता है
जल में
नींद मनुष्य पर मनुष्य का
विश्वास है।