Last modified on 31 मार्च 2017, at 11:24

166 / हीर / वारिस शाह

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:24, 31 मार्च 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वारिस शाह |अनुवादक= |संग्रह=हीर / व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

नी मैं घोल घती एहदे मुखड़े तों पाओ दुध चूरी एहदा कूत है नी
इललिल दीयां जलियां पौंदा ए जिकर हयू ते लायभूत<ref>अमर</ref> है नी
नहीं भाबियां ते करतूत काई सभे लड़न नूं होई मजबूत है नी
जदों तुसां ते सी गाली देंदियां साओ एहतां ऊतनी<ref>बिगड़ा हुआ</ref> दा कोई ऊत है नी
भारया तुसां दे मेहनयां गालियां दा एह तां सुक के होया तबूत<ref>पिंजर</ref> है नी
सौंप पीरां नूं झल विच छेड़ महीयां एहदी मदद ते खिजर ते लूत<ref>बदनामी</ref> है नी
वारस शाह फिरां ओहदे मगर लगा अज तीक ओ रिहा अछूत है नी

शब्दार्थ
<references/>