Last modified on 31 मार्च 2017, at 12:09

प्यार / आभा पूर्वे

Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:09, 31 मार्च 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=आभा पूर्वे |अनुवादक= |संग्रह=गुलम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

राधा बनकर
जो प्यार
पाया मैंने
रुक्मिणी बन
न पा पाती

रुक्मिणी तेरा प्यार
रहा घर के अंदर
राधा का प्यार
महका बन कर
शहर-शहर ।