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मतलब / अरुण कमल

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मैंने लाल दहकती हुई धमन भट्ठी देखी

और लगा कोई बुला रहा है

जैसे कोई दिल खुल रहा हो मेरे लिए

फाँक-फाँक हो रहा हो सूर्य-सन्तरा


मैं जब भी चित्त

मैदान में लेटा

आसमान बड़ी आँख की तरह

खींचने लगा मुझे

एकटक


और नदी के ठीक बीच में

जहाँ जल बिल्कुल स्थिर गाढ़ा था

लगा कोई गोद है वहाँ कोई वक्ष


और तारों भरा आकाश

काले पहाड़-सा जिसके रोम-रोम से फूटा हो

चमचम झरना


यह सब इतना सुन्दर क्यों है?

आख़िर क्या मतलब है इसका?