न तो
तुम्हारे आने से
होती है
मुझमें
गुदगुदी या सिहरन,
न तो
तुम्हारे आने से
होती है मुझमें
कोई वेदना या घुटन
पाणिग्रहण तो
किया तुमने
और
पानी रखा किसी और ने
कहीं मेरा मन इसे
जान तो नहीं गया है ?
न तो
तुम्हारे आने से
होती है
मुझमें
गुदगुदी या सिहरन,
न तो
तुम्हारे आने से
होती है मुझमें
कोई वेदना या घुटन
पाणिग्रहण तो
किया तुमने
और
पानी रखा किसी और ने
कहीं मेरा मन इसे
जान तो नहीं गया है ?