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रात अपने आगे से गुजरती / गुलाब खंडेलवाल

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रात अपने आगे से गुजरती
एक नन्ही तारिका से मैंने पूछा--
'तेरी आयु कितनी है?'
तारिका सकुचती हुई बोली--
'मेरी आयु का क्या पूछना, भला!
वह तो बस आपके पलक झपकने जितनी है.
इतना जरूर है,
कल जब मैं इधर से निकली थी,
यह सूरज की मशाल यहाँ नहीं थी,
न तो ये नन्हे-नन्हे फतिंगे
इसके चारों ओर घूम रहे थे,
न आपकी यह धरती ही कहीं थी!
पर ज़रा मैं भी तो लूँ जान,
आपकी आयु कितनी है, श्रीमान!'