अपरा
रचनाकार | सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" |
---|---|
प्रकाशक | राजकमल प्रकाशन |
वर्ष | २००६ |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | |
पृष्ठ | 183 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- गीत / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- बादल राग / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- जुही की कली / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- जागो फिर एक बार / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- शरण में जन जननि / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- पावन करो नयन / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- सन्ध्या-सुन्दरी / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- यामिनी जागी / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
- वसन्त आया / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"