गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 3 जून 2008, at 01:12
छलांग / वीरा
अनिल जनविजय
(
चर्चा
|
योगदान
)
द्वारा परिवर्तित 01:12, 3 जून 2008 का अवतरण
(New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वीरा |संग्रह=उतना ही हरा भरा / वीरा }} एक मज़बूत इमारत प...)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
वीरा
»
उतना ही हरा भरा
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
एक मज़बूत
इमारत
पानी के बीच
हिलती है।
मैंने छलांग लगा दी है
तुम्हारे भीतर।