बोरसी
पुसोॅ मेॅ
कोहोॅ के आगू
रात भर
डरी-डरी जलै छै बोरसी
सोची केॅ
सब केॅ जाड़ोॅ सेॅ बचौइयै
कि खुद केॅ ।
परिवार
परिवारोॅ लेली
कुछ लोग
बेची दै छै
आँखोॅ के नींद
मनोॅ के चैन।
बोरसी
पुसोॅ मेॅ
कोहोॅ के आगू
रात भर
डरी-डरी जलै छै बोरसी
सोची केॅ
सब केॅ जाड़ोॅ सेॅ बचौइयै
कि खुद केॅ ।
परिवार
परिवारोॅ लेली
कुछ लोग
बेची दै छै
आँखोॅ के नींद
मनोॅ के चैन।