लोकरत्न पंत 'गुमानी'
कवि 'गुमानी' का नाम पंडित लोकरत्न पन्त था। उनके पिता का नाम देवनिधि पंत था। उनका जन्म १० मार्च १७९० को काशीपुर में हुआ। वे मूल रूप से उपराड़ा गाँव, गंगोलीहाट जनपद, पिथौरागढ़ के निवासी थे। उपराड़ा ही उनकी मुख्य कर्मस्थली भी रही। इसलिए अपने गाँव से उन्हें बेहद लगाव था। उनकी मृत्यु ५६ वर्ष की अवस्था में १८४६ में हुई। भारतेंदु के जन्म से चार वर्ष पूर्व ही वे निर्वाण को प्राप्त हो चुके थे । उन्होंने हिन्दी, कुमाऊनी, नेपाली और संस्कृत में रचनाएँ की थीं। उनकी बहुत-सी चतुष्पदियों में पहला पद हिन्दी में, दूसरा कुमाऊनी, तीसरा नेपाली और चौथा संस्कृत में होता था।