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शासक / सुमन पोखरेल

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चारैतिर त्रास बढ्यो जब तिमी सामु आयौ
को हौ तिमी भेद खुल्यो जब तिमी सामु आयौ
कति त भ्रममा थिए तिमी देउता नै हौ भन्ने
कति लामो इतिहास ढल्यो जब तिमी सामु आयौ ।