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विकल्प / निमेष निखिल

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तिम्रो प्रेमको प्रस्तावलाई मन्जुर भन्न मन लाग्यो
जब मुहार देखेँ तिमीलाई झुर भन्न मन लाग्यो
आजकलका मान्छेको बेहोरा देखेर त हजुर
मलाई त बरु गधालाई हजुर भन्न मन लाग्यो।