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पालो काटता / राजेन्द्रसिंह चारण
आशिष पुरोहित
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पाल्लो काटतां
मिनख नै बीं’रो छोरो
भोलावण दीवी
बाबा ध्यान राखजै
आजकल अठै
सोप-गोइरा
सागै फिरै है।