{{KKRachna |रचनाकार=रचना शेखावत |अनुवादक= |संग्रह=
दिनूगै जावै गुवाळिया
सिंझ्या पूठा आवै इज है
थूं गयो हो गायां लेय
सूना करग्यो मन रो आंगणों
पाछो बावड़्यो नीं
चेतन नीं होयो दिवलो
नीं होयो च्यानणों।
{{KKRachna |रचनाकार=रचना शेखावत |अनुवादक= |संग्रह=
दिनूगै जावै गुवाळिया
सिंझ्या पूठा आवै इज है
थूं गयो हो गायां लेय
सूना करग्यो मन रो आंगणों
पाछो बावड़्यो नीं
चेतन नीं होयो दिवलो
नीं होयो च्यानणों।