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मिलन सीमा / अशोक शुभदर्शी

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हम्मेॅ लौटी एलिहौं
तोरा सें मिललेॅ बिना ही
कतनां दाफी
जाय केॅ तोरोॅ ठियां

लागै छै
लौटी जैवै
आबकियोॅ बेरियां
तोरा सें मिललेॅ बिना ही
आबी केॅ तोरोॅ पास

हम्में आपनोॅ सीमा में रही जाय छियै
हर दाफी
तोरा पास जाय केॅ भी

हम्में सीमा तोड़ै लेॅ
नै पारै छियै आपनोॅ
आरोॅ मिलै लेॅ भी चाहै छियै
तोरा सें ।