Last modified on 23 जून 2017, at 10:53

सगरे समैया कोसिका सुति वैसि गमौले / अंगिका

Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:53, 23 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=अंगिका }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

सगरे समैया कोसिका सुति वैसि गमौले,
हे भादो मास
मैया फेंकल पलार कि भादो मासे ।
सबहुक नैया कोसिका अमरपुर हे पहुँचल,
कि मोरै नैया
उसर गे लोटावे कि मोरे नैया ।
देबहुं गे कोसिका जोढ़ी गे पाठी कि घर गेने
हे कोसिका चढ़ैवौ पाकल पान मैया घर गेने ।