Last modified on 27 जून 2017, at 21:54

जीवतो पाथर / जितेन्द्र सोनी

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:54, 27 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जितेन्द्र सोनी |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

थूं कैयो
थम
म्हैं थमग्यो
अबै बरसां बाद ई
उडीकूं
जे कदै भूल्या-भटक्या
टिपो इण मारग
तो हेत सूं छू भर लीज्यो
का ठोकर मार दीज्यो
म्हूंं जीवतो पाथर
मुगत होय जासूं।