Last modified on 28 जून 2017, at 16:00

उडीक / मधु आचार्य 'आशावादी'

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:00, 28 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मधु आचार्य 'आशावादी' |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

अेक पास
अेक उडीक
अेक तिरस
आई तो है जिंदगी
आस अधूरी
तिरस नीं हुई पूरी
उडीक हुयगी लांबी
कियां जीवां जूण
पण
उडीक है, बो आवैला
सागै लेय जावैला
हर दुख नै संभळैला
इणी खातर
दीवो करियां नित उडीकूं
दीवो बडो हुसी पैली
के उडीक मिटसी
आ तो टैम ई बतावैला
तद तांई जूण चालैला
बस इयां ई चालैला।