आपां
चालता चोखा लागां
रुक्या
तो गिटज्यैगौ
अंधारौ
गपळदांईं
पछै मारता रैया
हाथ-पग
अंधारै में
अंधारौ
पाप रौ घर
जठै
ना चाँद है
अर ना तारा
अंधारै में
पसरेड़ौ मून
अर दूर-दूर तांईं
च्यारूं चफेर
अंधारौ ई अंधारौ।
आपां
चालता चोखा लागां
रुक्या
तो गिटज्यैगौ
अंधारौ
गपळदांईं
पछै मारता रैया
हाथ-पग
अंधारै में
अंधारौ
पाप रौ घर
जठै
ना चाँद है
अर ना तारा
अंधारै में
पसरेड़ौ मून
अर दूर-दूर तांईं
च्यारूं चफेर
अंधारौ ई अंधारौ।